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धर्मपाल जी के वाड़े में छः नवम्बर से श्रीमद् भागवत कथा हनुमान मंदिर घरौला मोहल्ला से दोपहर दो बजे से कलश यात्रा निकलेगी

 धर्मपाल जी के वाड़े में छः नवम्बर से श्रीमद् भागवत कथा

 हनुमान मंदिर घरौला मोहल्ला से दोपहर दो बजे से कलश यात्रा निकलेगी

      


 शेखर खान "पत्रकार" शहडोल

धर्म और भक्ति के समागम स्थल शहडोल में धार्मिक वातावरण की सुगंध 6 नवम्बर से 12 नवम्बर तक गूंजने जा रही है। बुढार रोड शहडोल में स्थिति धर्मपालजी का बाड़ा में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस सात दिवसीय कथा महोत्सव का शुभारंभ घरौला मोहल्ला के हनुमान मंदिर से दोपहर दो बजे से कलश यात्रा  प्रारंभ होकर कथा स्थल धर्मपाल जी का वाड़े तक निकलेगी।

    सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में श्रद्धालु जन श्रीमद् भागवत कथा का महात्म,ध्रुव एवं प्रहलाद चरित्र, बावन अवतार, श्रीकृष्ण जन्म,भगवान श्रीकृष्ण की लीला,रुक्मणि विवाह के साथ सुदामा चरित्र और दिव्य उपदेशों का कथा का अमृतपान श्री श्री 1008 श्री बद्री प्रपन्नाचार्य जी महाराज द्वारा रसपान कराया जाएगा, जो अपने मधुर वाणी और गूढ़ व्याख्यानों से भक्तों को भक्ति भाव में सराबोर करेंगे, वहीं कथा के यज्ञाचार्य पंडित रामसुशील शर्मा शास्त्री जी द्वारा संपन्न कराया जाएगा।

   श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ 6 नवम्बर गुरुवार को दोपहर 2 बजे कलश यात्रा, व्यास पूजन और श्रीमद् भागवत के महात्म कथा के साथ होगा। श्रीमद् भागवत कथा प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से सायं 7 बजे तक चलेगी। वहीं श्रीमद् भागवत कथा का समापन 12 नवम्बर को होगा तथा 13 नवम्बर को पूर्णाहुति, हवन और भंडारा प्रसाद का आयोजन रहेगा।

    


इस आध्यात्मिक आयोजन के मुख्य आयोजक व श्रोता सेवानिवृत्त व्याख्याता चन्द्रशेखर वर्मा अपनी धर्मपत्नी स्व. श्रीमती गायत्री देवी जी की स्मृति में यह आयोजन करा रहे हैं। कथा के संचालन में पार्षद आरती गुप्ता, मनोज टीवीएस शोरूम के डायरेक्टर मनोज गुप्ता, राजेश गुप्ता, योगेश गुप्ता, सुरेश, नरेंद्र, जितेंद्र, सुमित, लक्की, विक्की, हिमांशु, गौरव, सौरभ, शिवांशु, अर्पित,अक्षत और कृपानिधान सहित अनेक श्रद्धालु सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

     श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन कर्ता सेवानिवृत्त व्याख्याता चन्द्रशेखर वर्मा एवं मनोज टीवीएस शोरूम के डायरेक्टर मनोज गुप्ता ने सभी धर्मप्रेमियों से आग्रह किया गया है कि वे परिवार सहित इस पावन कथा में सम्मिलित होकर श्रीमद् भागवत के दिव्य ज्ञान, भक्ति और आनंद का रसपान कर जीवन को धन्य बनाएं।

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