Ticker

6/recent/ticker-posts

क्रिकेटर बनने के लिए 15 वर्षीय आशी सोनी रोज तय करती है 100 किमी.का सफर क्रिकेटर बनने ट्रक ड्राइवर की बेटी का संघर्ष

क्रिकेटर बनने के लिए 15 वर्षीय आशी सोनी रोज तय करती है 100 किमी.का सफर क्रिकेटर बनने ट्रक ड्राइवर की बेटी का संघर्ष


शेखर खान शहडोल 

आशी सोनी क्रिकेटर बनने का सपना पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम कर रही है। उसका परिश्रम बताता है कि क्रिकेटर की क्रिकेट के प्रति दीवानगी क्या होती है।  मध्य प्रदेश में शहडोल को महिला क्रिकेट का नर्सरी माना जाता है। यहां कई ऐसी लड़कियां हैं जो क्रिकेटर बनने का सपना पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम एवं संघर्ष कर रहीं है। 

भारतीय महिला क्रिकेट टीम द्वारा विश्वकप जीतने पर पूरी टीम की जमकर तारीफ हुई।  शहडोल जिले की पूजा वस्त्रकार ने क्रिकेट की शुरूआत गांधी स्टेडियम शहडोल से करके भारतीय टीम में शामिल हो चुकी हैं। उनकी सफलता से सबक लेकर जिले की कई लड़कियां क्रिकेट को अपना लक्ष्य मानकर कठिन परिश्रम के साथ अभ्यास करती हैं। 

 15 वर्षीय आशी सोनी शहडोल जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर जयसिंह नगर से प्रतिदिन आने-जाने का सफर विगत ढाई वर्ष से क्रिकेट सीखने के लिए कर रही हैं। उन्होने बताया कि सुबह के प्रैक्टिस सेशन में भाग लेने के लिए प्रातः 07 बजे घर से निकलना पड़ता है। सेशन खत्म होने के बाद 3-4 बजे शाम तक घर पहुंच पाती हैं।  दोपहन के सेशन में उन्हें 01 बजे मध्यान्ह घर से निकलना पड़ता है और रात 09 बजे घर पहुंचती हैं। उन्होंने बताया कि आने-जाने में 200 रूपए का हर दिन खर्च आता है। 

ऐसे हुआ क्रिकेट से प्यार


आशी सोनी बताती हैं कि, वे पहले क्रिकेट के बारे में बहुत कुछ नहीं जानती थी, लेकिन उनके जयसिंहनगर कॉलेज ग्राउंड पर स्पोर्ट टीचर दिलीप शुक्ला के अंडर में क्रिकेट की प्रैक्टिस होती थी, वहां क्रिकेट कोच प्रेम शंकर माली क्रिकेट की ट्रेनिंग देते हैं. जब वहां पहुंची तो वहां पर उन्हें क्रिकेट के बारे में बताया गया। तभी से उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। जब वह क्रिकेट खेलने लगीं और उनके स्किल को वहां के कोच ने देखा तो उन्हें ट्रायल के लिए शहडोल भेजा। जब शहडोल में ट्रायल देने आई तो उन्हें कोच सोनू रॉबिंसन ने शहडोल एकेडमी ज्वाइन करने को कहा। उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे ही शहडोल क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन कर ली।

आशी सोनी ने बताया कि जब से शहडोल में क्रिकेट की ट्रेनिंग शुरू की है लगातार वह इंप्रूवमेंट हो रहा है और सफलता भी मिल रही है। वर्तमान में वे अंडर 15 के डिवीजन टीम में खेल रही हैं और अंडर 15 में ही एमपी बोर्ड को भी रिप्रेजेंट कर चुकी हैं। आशी सोनी राइट हैंड बैट्समैन हैं, और पार्ट टाइम बोलिंग भी करती हैं। स्पिन बोलिंग करती हैं और वह अपने खेल को निखारने के लिए दिनों-दिन लगातार मेहनत कर रही हैं।

आशी सोनी ने बताया कि उन्हें क्रिकेट के सपने को साकार करने के लिए अपने परिवार का पूरा समर्थन मिल रहा है। आप कक्षा 11वीं में आर्ट सब्जेक्ट लेकर पढ़ रही हैं। उनके पापा ट्रक ड्राइवर हैं, मां हाउसवाइफ हैं. तीन बहन और एक भाई हैं। वह घर में सबसे छोटी हैं।  बड़ी बहन पार्ट टाइम नौकरी भी करती है।


आशी सोनी की बड़ी बहन खुशी सोनी बताती हैं कि, आशी ने एक दिन बोला कि उसे क्रिकेट खेलना है। हमनें कहा ठीक है प्रैक्टिस पर जाओ। आशी प्रैक्टिस पर जाने लगी। उसके कोच ने हमें बताया कि, उसका क्रिकेट के प्रति रूचि है। इसके बाद हमने उसे एकेडमी ज्वाइन करने को कहा. फैमिली ने उसके गेम के बीच पैसे की रुकावट नहीं आने दी और न आने देंगे। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि आशी अपने सपने को जिए और हमें उम्मीद है कि आशी कड़ी मेहनत करके एक दिन भारतीय महिला क्रिकेट टीम में स्थान बनाएंगी। 

शहडोल क्रिकेट अकादमी के कोच सोनू रॉबिंसन कहते हैं, आशी उनके पास अपनी बहन के साथ आई थी और उसने बोला कि उसे यहां ज्वाइन करना है, तो मैंने पूछा कि जयसिंहनगर से आना-जाना कैसे करोगी तो बोली कि हम मैनेज कर लेंगे. धीरे-धीरे प्रैक्टिस पर आने लगी, उसे अच्छा लगने लगा। उसका भविष्य अच्छा है, 2 साल के अभ्यास में ही उसका तीसरे साल में मध्य प्रदेश अंडर 16 वुमेन ट्रायल में सिलेक्शन हो गया। उसका गेम काफी अच्छा है। उसमें बैटिंग को लेकर एक अलग ही टैलेंट है, वह एक दिन बड़ी क्रिकेटर बनेगी।

पूजा, पूनम हैं रोल मॉडल

आशी का रोल मॉडल पूजा वस्त्रकर और पूनम जैसी क्रिकेटर हैं। पूनम सोनी भी अपने समय में शहडोल में क्रिकेट सीखने के लिए 60 से 70 किलोमीटर दूर चचाई से आती थीं। आशी ने भी स्कूल गेम से खेलना शुरू किया था। यहां रहकर अभ्यास करने में उनको दिक्कत आ रही थी तो अपने घर से आना जाना शुरू कर दिया। वो नियमित रूप से जयसिंहनगर से यहां आती हैं। अपने आप को इस स्तर पर तैयार करने में लगी हैं कि आने वाले एक-दो वर्षों में उनका खेल उच्च स्तर पर पहुंच जाए। आशी टैलेंटेड प्लेयर हैं और आने वाले एक दो साल में उनका खेल काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच जाएगा

Post a Comment

0 Comments