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शहडोल बस स्टैंड में फैली अव्यवस्था

शहडोल बस स्टैंड में फैली अव्यवस्था


शाम होते ही छलकते है जाम बस स्टैंड बन जाता है मधुशाला


शेखर खान शहडोल 

शहर के बीचो बीच राजीव गांधी बस अड्डा में फैली अव्यवस्था शाम होते ही लोगों के लिए मधुशाला में बदल जाता है बस अड्डा पूरे बस में रात्री में निकल पाना आम नागरिक के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है अव्यवस्थित खड़ी बसे शराब के नशे में डूबे बस के स्टाफ आम नागरिक का निकलना और ठहरना बहुत मुश्किल है आए दिन राहगीरों को चोरी छेड़ छाड़ एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है और बस स्टैंड में लगी बसों की कतार के चलते रात्रि कालीन में बस स्टैंड से आम नागरिकों का निकल पाना मुश्किल रहता है और प्रशासन इस पर खामोश खड़ी किसी अनहोनी का इन्तेज़ार कर रहीं है बस स्टैंड में कई बसें तो ऐसी भी खड़ी है जिनके सालों से चके तक नहीं हिले है इन्हीं बसों के कारण बस स्टैंड में दिन और रात में आए दिन आपस में विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है बस स्टैंड में खड़ी बसों में आकाश,कैपिटल,प्रयाग,दीपक, नफीस,आदि बसे खड़ी रहती है और मरम्मत कार्य भी बस स्टैंड में होते है जबकि परमिट शर्तों के अनुसार बस स्टैंड में वाहन खड़ा करना धारा 86 के तहत अपराध है जिसमें वाहन जप्त के साथ परमिट निरस्त करने तक की कार्यवाही की जा सकती है परंतु शासन ऐसी बातों को अनदेखा करके किसी बड़े हादसे के इन्तेज़ार में बैठा है

बस स्टैंड के सामने रोड में पक्षीराज के बसों का रोड में रहता है कब्जा आने जाने वाले टू व्हीलर और फोर व्हीलर वालो को होती है परेशानी

 जबकि बस अड्डे से प्रत्येक दिवस 5 से 6 हजार तक कि वसूली होती है 

परंतु बस स्टैंड की स्थिति जर्जर से भी ज्यादा जर्जर है बिल्डिंग का कोई भी हिस्सा किसी भी समय क्षतिग्रस्त होता रहता है बस स्टैंड प्रतीक्षालय में ठहरने वाले यात्रियों को जान का नुकसान भी बना रहता है यदि नगर पालिका या प्रशासन जल्द से जल्द इसपर विचार नहीं किया गया तो किसी दिन जान व माल की हानि हो सकती है ना तो बस स्टैंड में वाहन खड़ा करने की जगह रहती है ना ही पीने के पानी की व्यवस्था है पर नगरपालिका वसूली के लिए अलग अलग 2-3 व्यक्ति रखे गए है पर व्यवस्था के नाम पर किसी प्रकार का कोई इन्तेजाम नगर पालिका द्वारा नहीं किया गया है शासन प्रशासन से अनुरोध है कि जल्द ही बस स्टैंड के इस बदहाल हालत पर ध्यान दे और इसको सुधारने की कोशिश करे वर्ना किसी दिन शासन को किसी बड़े हादसे की जिम्मेदारी का बोझ उठाना पड़ सकता है


शराब के चलते ही 3 दिवस पहले बस अड्डे में चली चाकू


बीते 3 दिवस पूर्व में राजीव गांधी बस अड्डे में रात्रिकालीन एक बस खलासी को बदमाशों द्वारा चाकू मारकर घायल कर दिया गया था जिसपर पुलिस ने चार लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है आए दिन बस अड्डे ऐसे कांड होते रहते है कभी बातों को आपसी समझौते के जरिया दबा दिया जाता है तो कभी समझौता नहीं हो पाता तो बात शासन प्रशासन तक पहुंचती है और उसपर भी शासन कोई ठोस कदम नहीं उठाता जिसके चलते बदमाशों के हौसले बुलंद हो जाते और ये आगे चल कर बड़ी घटनाएँ अंजाम देते है

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